पता लगाएँ कि स्टॉक ट्रेडिंग क्या है और CFD की ट्रेडिंग कैसे करें

कैटरीना परपा
ट्रेडिंग पत्रकार
यह निवेश की सलाह नहीं है। पिछला प्रदर्शन, भविष्य के परिणामों का संकेत नहीं देता। आपकी पूँजी पर जोखिम है, कृपया ज़िम्मेदारी से ट्रेड करें।
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यह समझना कि स्टॉक ट्रेडिंग क्या है और यह जानना कि स्टॉक कैसे ट्रेड किए जाते हैं, उन लोगों के लिए एक बुनियादी कदम है, जो शेयर बाज़ार की हर पल बदलती दुनिया में कदम रखना चाहते हैं। हर साल लाखों नए ट्रेडर ट्रेडिंग की दुनिया में कदम रखते हैं, लेकिन जानकारी और मार्गदर्शन की कमी के कारण उनमें से कई ट्रे़डर्स को अपनी ट्रेडिंग क्षमता का एहसास नहीं हो पाता। हालाँकि, जो लोग ज़रूरी कौशल हासिल करने के लिए समय देने के इच्छुक हैं, वे खुद को बाज़ार में नेविगेट करने और सफलता की संभावनाओं के और बेहतर बनाने के लिए, सही तरीके से तैयार कर पाएँगे।
स्टॉक ट्रेडिंग आसान नहीं है और इसके लिए एक स्मार्ट प्लान और वित्तीय बाज़ारों की गतिविधियों की रणनीतिक समझ होना आवश्यक है। जल्दी अमीर बनने की योजनाओं और स्व-घोषित विशेषज्ञों के वादों का पीछा करने के बजाय, आपको एक ठोस नॉलेज बेस बनाने और आत्मविश्वास व जानकारी के साथ ट्रेडिंग क्षमता विकसित करने की ज़रूरत है।
इस गाइड का उद्देश्य स्टॉक ट्रेडिंग और शेयर्स की खरीद के बीच के अंतर, स्टॉक ट्रेडिंग के काम करने के तरीके, और आपको जानकारीपरक निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए टूल और रणनीतियों जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा करके, ट्रेडिंग प्रक्रिया के भ्रमित करने वाले हिस्सों को उजागर करना है।
CFD स्टॉक ट्रेडिंग क्या है?
CFD (अंतर के लिए अनुबंध) स्टॉक ट्रेडिंग की मूल भावना यह है कि इसमें ऐसे अनुबंध खरीदना और बेचना शामिल है, जो अंतर्निहित संपत्तियों के स्वामित्व के बिना स्टॉक्स के प्रदर्शन को दर्शाते हैं। इस तरह की ट्रेडिंग एक ऑनलाइन ब्रोकरेज के माध्यम से होती है, जहाँ CFD को स्टॉक की कीमत में भविष्य में होने वाले उतार-चढ़ावों की अटकलों के आधार पर खरीदा और बेचा जाता है। पारंपरिक स्टॉक ट्रेडिंग के विपरीत, जिसमें स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर्स को खरीदा और रखा जाता है, CFD ट्रेडिंग में स्तरों में तत्काल प्रवेश और निकासी की सुविधा मिलती है, जिससे ऊपर चढ़ते और गिरते, दोनों तरह के बाज़ारों से लाभ कमाने का लचीलापन मिलता है।
CFD स्टॉक ट्रेडिंग में शामिल होने के लिए, सबसे पहले किसी ऐसी फ़र्म के साथ ब्रोकरेज खाता खोलना होगा, जो CFD सेवाएँ प्रदान करती हो। खाता सेट अप हो जाने के बाद, ट्रेडर बाज़ार की अस्थिरता का लाभ उठाते हुए कंपनी के कई स्टॉक्स पर CFD खरीद और बेच सकते हैं। यह ट्रेडिंग रणनीति खास तौर से उन लोगों के लिए आकर्षक है, जो अल्पकालिक लाभ चाहते हैं, क्योंकि यह ट्रेडर्स को अपने स्तरों का लाभ उठाने और संभावित रूप से अपने लाभ को बढ़ाने में सक्षम बनाती है। हालाँकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि बढ़े हुए लिवरेज से ज़्यादा नुकसान का जोखिम बढ़ता है, इसलिए CFD ट्रेडर्स के लिए बाज़ार को समझना और जोखिम का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
CFD स्टॉक ट्रेडिंग के लिए ट्रेडिंग की शैलियाँ
CFD स्टॉक्स की ट्रेडिंग करते समय, अलग-अलग ट्रेडिंग शैलियों को समझना महत्वपूर्ण है। हर एक शैली के लिए बाज़ार में अलग-अलग स्तर की भागीदारी की आवश्यकता होती है और यह जोखिम उठाने की विविध क्षमता और जीवनशैली संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करती है। चाहे आप त्वरित ट्रेड्स करना चाहते हों या लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हों, यह पहचानना ज़रूरी है कि कौन सी विधि आपके वित्तीय लक्ष्यों और आपके द्वारा बाज़ार में लगाए जाने वाले समय के साथ मेल खाती है। आइए CFD स्टॉक ट्रेडिंग की तीन प्रमुख शैलियों का पता लगाएँ: स्तर ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग
स्तर ट्रेडिंग स्टॉक
स्तर ट्रेडिंग उन दीर्घकालीन रणनीतिकारों के लिए है, जो महीनों या सालों के लिए बाज़ार के उतार-चढ़ावों का लाभ उठाना पसंद करते हैं। इस विधि में दीर्घकालिक ट्रेंडस से लाभ उठाने के लक्ष्य के साथ स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल होता है। स्तर ट्रेडर के रूप में, आप अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के बारे में कम चिंतित होते हैं और समय के साथ पर्याप्त वृद्धि की संभावना पर अधिक फ़ोकस करते हैं। इस दीर्घकालिक दृष्टिकोण में आप कंपनी के मूल सिद्धांतों के गहन विश्लेषण और बाज़ार के ट्रेंड्स के व्यापक दृष्टिकोण के आधार पर अपने ट्रेड्स को आधार बना सकते हैं। यह शैली दीर्घकालिक दृष्टि रखने वाले लोगों के लिए उपयुक्त है, जो बाज़ार में ट्रेड करने के लिए कम व्यावहारिक रणनीति पसंद करते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग स्टॉक
स्विंग ट्रेडिंग उन लोगों के लिए एक लचीली शैली है, जो कुछ दिनों से लेकर कई हफ़्तों या महीनों की अवधि में बाज़ार में लाभ प्राप्त करना चाहते हैं। इसमें अल्प अवधि से लेकर मध्यम अवधि के मूल्य उतार-चढ़ावों का लाभ उठाने के लिए शेयर्स की खरीद और बिक्री शामिल है। स्विंग ट्रेडर्स का बाज़ार में अपेक्षाकृत रूप से ज़्यादा जुड़े रहना ज़रूरी होता है, क्योंकि इस दृष्टिकोण में कम कीमत पर खरीदने और अधिक कीमत पर बेचने के लिए चल रहे ट्रेंडस् पर नज़र रखने की आवश्यकता होती है। हालाँकि, इसमें डे ट्रेडिंग की तुलना में, लगातार ध्यान देने की आवश्यकता कम होती है, फिर भी स्विंग ट्रेडिंग के लिए बाज़ार की गतिशीलता की अच्छी समझ और अवसर आने पर तेज़ी से काम करने की आवश्यकता होती है।
डे ट्रेडिंग स्टॉक
डे ट्रेडिंग सबसे सक्रिय ट्रेडिंग शैली है और यह हर किसी के लिए नहीं है, खासकर अगर आप जोखिम से बचना चाहते हैं या बाज़ार के लगातार विश्लेषण के लिए समय नहीं दे सकते। इसमें एक ही कारोबारी दिन में शेयर्स की खरीद और बिक्री की जाती है तथा कीमतों में छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव का लाभ उठाया जाता है। डे ट्रेडर्स को बाज़ार पर लगातार नज़र रखनी ज़रूरी होती है, क्योंकि इस हाई-ऑक्टेन शैली में फ़टाफ़ट निर्णय लेना और ट्रेडिंग समय के दौरान महत्वपूर्ण प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। हालाँकि, यह लाभदायक हो सकती है, लेकिन यह ऐसी शैली है, जो उच्च तनाव के साथ आती है और इसे उन लोगों के लिए छोड़ देना बेहतर है, जो तेज़ गति वाले परिवेशों में कामयाब होते हैं और इससे जुड़े जोखिमों को प्रबंधित कर सकते हैं।
CFD ट्रेडिंग और स्टॉक में निवेश के बीच अंतर
CFD ट्रेडिंग और स्टॉक में निवेश के बीच का अंतर मुख्य रूप से स्टॉक को संभालने की रणनीतियों और समय-सीमाओं में निहित है। जब आप CFD ट्रेड करते हैं, तो आप ज़्यादातर अल्पकालिक लेन-देन से जुड़े होते हैं, जिसमें आप शेयर्स (स्टॉक) के वास्तविक मालिक हुए बिना इनमें आने वाले उतार-चढ़ावों का लाभ उठाते हैं। संक्षेप में, CFD ट्रेडिंग में ऐसे अनुबंधों को खरीदना और बेचना शामिल है, जो किसी स्टॉक के मूल्य में उतार-चढ़ाव को दर्शाते हैं, जिससे ट्रेडर यह अनुमान लगा सकते हैं कि इन स्टॉक्स का मूल्य बढ़ेगा या घटेगा। ट्रेडिंग का यह डेरिवेटिव प्रकार भागीदारों को शेयर खरीदने या बेचने में सक्षम बनाता है, जो आमतौर पर अल्प अवधि के लिए होता है, जिसमें अक्सर लिवरेज का लाभ उठाया जाता है, जो लाभ और हानि, दोनों को कई गुना बढ़ा सकता है।
दूसरी तरफ़, शेयर्स में निवेश करना आमतौर पर एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण होता है, जहाँ निवेशक शेयर को एक लंबी अवधि के लिए रखने के इरादे से खरीदता है, जिसका लक्ष्य कंपनी की सफलता के साथ-साथ अपने निवेश के मूल्य को बढ़ने देना होता है। स्टॉक ट्रेडिंग में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज जैसे स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से शेयर खरीदना शामिल है, इस उम्मीद के साथ कि समय के साथ स्टॉक की कीमत बढ़ेगी, जिसे भविष्य में बेचने पर लाभ मिलेगा। CFD के विपरीत, किसी स्टॉक में निवेश करने से निवेशक को कंपनी के एक हिस्से का स्वामित्व प्राप्त होता है, जिससे आम तौर पर उन्हें लाभांश और कभी-कभी मतदान का अधिकार भी मिलता है। ट्रेडिंग की शुरूआत करने वालों के लिए, शेयर में निवेश करना ज़्यादा आसान लग सकता है, क्योंकि इसमें सीधे कंपनी का एक हिस्सा खरीदना और शेयर्स की कीमतों में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने की प्रतीक्षा करना शामिल है, बजाय CFD ट्रेडिंग से जुड़ी ज़्यादा जटिल, अल्पकालिक सट्टेबाज़ी में शामिल होने के।
वॉल स्ट्रीट पर मौजूद न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज
CFD स्टॉक ट्रेडिंग के लाभ और जोखिम
अंतर के लिए अनुबंध (CFD) की ट्रेडिंग स्टॉक सहित वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग का एक लचीला और शक्तिशाली तरीका है। CFD के ज़रिए ट्रेडिंग निवेशक अंतर्निहित संपत्ति के स्वामित्व के बिना तेज़ी से बढ़ते वैश्विक बाज़ारों में कीमतों में वृद्धि या गिरावट का अनुमान लगा सकते हैं। हालाँकि, CFD ट्रेडिंग के अपने अनूठे फ़ायदे हैं, इसमें पर्याप्त जोखिम भी शामिल हैं, जिनके बारे में ट्रेडर्स को ट्रेडिंग शुरू करने से पहले पता होना चाहिए। CFD के साथ स्टॉक ट्रेडिंग के दोनों पक्षों को समझने से आपको जानकारी परक निर्णय लेने और ऐसी ट्रेडिंग रणनीतियाँ बनाने में मदद मिल सकती है, जो आपके निवेश लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के अनुरूप हों।
स्टॉक ट्रेडिंग के फ़ायदे
- लिवरेज: CFD पारंपरिक ट्रेडिंग की तुलना में उच्च लिवरेज प्रदान करते हैं, जिसका अर्थ है कि आप अपेक्षाकृत छोटी प्रारंभिक जमा राशि के साथ बड़ी ट्रेडिंग मात्रा तक पहुँच सकते हैं, जो आपके निवेश पर रिटर्न को बढ़ा सकता है।
- वैश्विक बाज़ारों तक पहुँच: CFD के साथ, आप एक ही प्लेटफ़ॉर्म से अंतरराष्ट्रीय स्टॉक सहित अलग-अलग बाज़ारों में ट्रेड कर सकते हैं।
- कोई स्टांप ड्यूटी नहीं: चूँकि, आपके पास अंतर्निहित संपत्ति नहीं होती, इसलिए आपको आमतौर पर स्टांप ड्यूटी का भुगतान करने की ज़रूरत नहीं पड़ती, जिससे आपकी ट्रेडिंग लागत कम हो जाती है।
- बेचने की क्षमता: CFD में आप उन शेयर्स को बेच सकते हैं, जो आपके पास नहीं हैं, जिससे आप बाज़ार की गिरती कीमतों से लाभ कमा सकते हैं।
- हेजिंग के अवसर: आप अपने मौजूदा पोर्टफ़ोलियो की सुरक्षा के लिए CFD का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे आपको अपने CFD ट्रेड्स से होने वाले मुनाफ़े के साथ वास्तविक निवेश में संभावित नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलती है।
स्टॉक ट्रेडिंग के जोखिम
- बाज़ार जोखिम: CFD शेयर बाज़ार के उतार-चढ़ाव के प्रति संवेदनशील होते हैं, जिससे कीमतें तेज़ी से आपके खिलाफ़ जा सकती हैं और आपको बड़ा नुकसान हो सकता है।
- लिवरेज जोखिम: हालाँकि, लिवरेज लाभ को कई गुना कर सकता है,आपके शुरुआती निवेश को संभावित रूप से को बढ़ाकर यह अच्छे-खासे नुकसान की खतरा भी पैदा करता है।
- स्तरों को ओवरनाइट रखने की लागत: CFD स्तर को ओवरनाइट रखने पर ट्रेडिंग फ़ीस लगेगी, जो समय के साथ इकट्ठा हो सकती है और आपके मुनाफ़े को प्रभावित कर सकती है।
CFD स्टॉक ट्रेडिंग का विश्लेषण
वित्तीय बाज़ार में जानकारी परक निर्णय लेने के इच्छुक ट्रेडर्स के लिए स्टॉक ट्रेडिंग विश्लेषण एक ज़रूरी टूल है। चाहे आप सीधे स्टॉक ट्रेडिंग करते हों या अंतर के अनुबंध (CFD) के माध्यम से, शेयर बाज़ार की जटिलताओं को समझने से आपको अधिक रणनीतिक और संभावित रूप से ज़्यादा लाभप्रद तरीके से ट्रेडिंग करने में मदद मिल सकती है। स्टॉक्स की ट्रेडिंग के लिए विश्लेषण को मुख्य रूप से दो तरीकों में वर्गीकृत किया जा सकता है: तकनीकी और मौलिक विश्लेषण। शेयर बाज़ार की खबरों से अपडेट रहकर और लाइव चार्ट व शेयर बाज़ार के इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करके, ट्रेडर बाज़ार के उतार-चढ़ावों का बेहतर तरीके से अनुमान लगा सकते हैं।
तकनीकी विश्लेषण के लिए, आपको प्राइस चार्ट, इंडिकेटर और ऑसिलेटर जैसे टूल की आवश्यकता होती है, जबकि स्टॉक ट्रेडिंग के मूल विश्लेषण के लिए कंपनी विश्लेषण, उद्योग विश्लेषण, मैक्रोइकोनॉमिक स्थितियों और भविष्य के लाभ की संभावनाओं की गहराई से जानकारी ज़रूरी होती है।
स्टॉक ट्रेडिंग का मूल विश्लेषण
मूल विश्लेषण संबंधित आर्थिक, वित्तीय और अन्य गुणात्मक और मात्रात्मक कारकों पर विचार करके किसी स्टॉक के आंतरिक मूल्य का मूल्यांकन करने की एक विधि है। जो ट्रेडर CFD के माध्यम से स्टॉक ट्रेडिंग के लिए इस प्रकार के विश्लेषण का इस्तेमाल करते हैं, वे अर्थव्यवस्था की समग्र स्थिति, उद्योग की स्थितियों और इसकी सहायक कंपनी की वित्तीय हालत और प्रदर्शन देखते हैं। मुख्य मैट्रिक्स में लाभ, व्यय, संपत्तियाँ और देनदारियाँ शामिल होती हैं। मौलिक विश्लेषक इस जानकारी की व्याख्या यह निर्धारित करने के लिए करेंगे कि किसी स्टॉक का मूल्य कम है या ज़्यादा। उनके ट्रेडिंग निर्णय इसी विश्वास पर आधारित होते हैं कि शेयर बाज़ार अंततः शेयर्स के वास्तविक मूल्य को दर्शाएगा।
स्टॉक ट्रेडिंग तकनीकी विश्लेषण
इस प्रकार का विश्लेषण कीमत के भावी उतार-चढ़ावों की भविष्यवाणी करने के लिए मुख्य रूप से स्टॉक चार्ट के माध्यम से पिछले बाज़ार डेटा का अध्ययन करने पर केंद्रित होता है। इस तरह के विश्लेषण में माना जाता है कि सारी ज्ञात जानकारी पहले से ही स्टॉक मूल्य में परिलक्षित होती है, इसलिए इसमें बाज़ार के पैटर्न और मार्केट ट्रेंड की पहचान करने पर फ़ोकस किया जाता है। तकनीकी विश्लेषण में भविष्य की कीमतों के उतार-चढ़ाव के बारे में पूर्वानुमान लगाने के लिए अलग-अलग पैटर्न और स्टॉक मार्केट इंडिकेटर्स, जैसे मूविंग एवरेज, रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) और बोलिंगर बैंड्स का इस्तेमाल किया जाता है। ऐतिहासिक डेटा का विश्लेषण करके और पैटर्न को पहचानकर, ट्रेडर CFD की ट्रेडिंग करते समय स्टॉक की कीमतों की दिशा के बारे में अनुमानित निर्णय ले सकते हैं।
स्टॉक ट्रेडिंग के लिए दोनों प्रकार के विश्लेषण महत्वपूर्ण हैं, खास तौर पर CFD के माध्यम से ट्रेडिंग के लिए। ट्रेडर अक्सर अपनी ट्रेडिंग रणनीति को विकसित करने के लिए दोनों के संयोजन का इस्तेमाल करते हैं, तेज़ गति वाले ट्रेडिंग वातावरण में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए हमेशा शेयर बाज़ार की खबरों और लाइव चार्ट की गतिशीलता पर नज़र रखते हैं।
न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज
CFD स्टॉक ट्रेडिंग टूल
तकनीकी और मूल विश्लेषण के बीच के अंतर को जानने के बाद, अब हम CFD के साथ स्टॉक ट्रेडिंग के व्यावहारिक पहलुओं का पता लगाएँगे। यह सेक्शन ऐसे अलग-अलग ट्रेडिंग और अनुसंधान टूल्स पर केंद्रित है, जिनका इस्तेमाल ट्रेडर्स बाज़ारों को अधिक प्रभावी ढंग से नेविगेट करने के लिए कर सकते हैं। हम कई इंडिकेटर्स, चार्ट्स और अन्य टूल्स की जाँच करते हैं। चाहे आप एक अनुभवी स्टॉक ट्रेडर हों या अभी शुरुआत कर रहे हों, ये इंस्ट्रूमेंट आपको अवसरों को पहचानने और जानकारी परक निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं। हालाँकि, याद रखें कि ये टूल आपकी सहायता के लिए बनाए गए हैं - ये आपके ट्रेडिंग निर्णय का विकल्प नहीं हैं। अब, आइए इनमें से कुछ महत्वपूर्ण स्टॉक ट्रेडिंग टूल्स का विश्लेषण करें।
स्टॉक मार्केट चार्ट के पैटर्न
कीमतों में भविष्य में होने वाले उतार-चढ़ावों की भविष्यवाणी करने के इच्छुक ट्रेडर्स में पैटर्न को समझने की क्षमता होना बेहद ज़रूरी है। चार्ट्स पर दिखाई देने वाले ये पैटर्न किसी ट्रेंड के जारी रहने या उनमें संभावित उलटफ़ेर का संकेत दे सकते हैं। "हेड एंड शोल्डर्स", "डबल टॉप्स एंड बॉटम्स" और "ट्रायएंगल्स" जैसे लोकप्रिय पैटर्न के बारे में जानें। इन पैटर्न्स को पहचानना सीखकर, आप बाज़ार में बदलावों का बेहतर अनुमान लगा सकते हैं और अपनी ट्रेडिंग रणनीति को उसके अनुसार एडजस्ट कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट के इंडिकेटर
ट्रेडिंग इंडिकेटर तकनीकी विश्लेषण करने के टूल हैं। ये गणितीय गणनाएँ, बाज़ार के ट्रेंड और गति को समझने में ट्रेडर्स की मदद करती हैं। कुछ सबसे महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स में मूविंग एवरेजेज़, RSI और मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस (MACD) शामिल हैं। जब आप अपने विश्लेषण में इन इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करना सीख जाते हैं, तो आप बेहतर ट्रेडिंग निर्णय ले पाएँगे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
स्टॉक ट्रेडर्स पैसा कैसे कमाते हैं?
स्टॉक ट्रेडर शेयर बाज़ार की कीमतों में आने वाले उतार-चढ़ाव पर अटकलें लगाकर पैसा कमाते हैं। वे जानकारी परक ट्रेडिंग निर्णय लेने के लिए तकनीकी विश्लेषण जैसे तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें चार्ट पैटर्न्स को समझना शामिल है। कोई इंस्ट्रूमेंट खरीदकर और बाद में उसे ऊँची कीमत पर बेचकर, वे अंतर से लाभ कमाने की कोशिश करते हैं। ट्रेडिंग में सफलता अक्सर बाज़ार की गतिविधियों की सटीक भविष्यवाणी करने की क्षमता पर निर्भर करती है।
स्टॉक ट्रेडिंग कितनी सफल है?
स्टॉक ट्रेडिंग का तात्पर्य शेयर बाज़ार में कंपनियों के शेयर्स की खरीद और बिक्री से है। स्टॉक ट्रेडिंग में सफलता के लिए अक्सर मौलिक और तकनीकी विश्लेषण के इस्तेमाल की आवश्यकता होती है, जिसमें खबरों और घटनाओं के साथ-साथ ट्रेडिंग गतिविधि के डेटा ट्रेंड्स का विश्लेषण करके अवसरों की पहचान करना शामिल है। शेयर बाज़ार की ट्रेडिंग में सफल होने के लिए, आपके पास न सिर्फ़ पर्याप्त पूँजी होनी चाहिए, बल्कि आपको कम से कम छह महीने तक ट्रेडिंग विधि को विकसित करने और उसे परिष्कृत करने के लिए बहुत सा समय देने की भी ज़रूरत होती है। ट्रेडिंग एक कठिन काम हो सकता है और इसमें सफलता हर व्यक्ति की सीखने और रणनीतियों के साथ प्रयोग करने की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के साथ-साथ जोखिम प्रबंधन रणनीतियों और अपने ट्रेडिंग मनोविज्ञान के अनुशासन पर निर्भर करती है।
क्या स्टॉक और शेयर एक ही चीज़ हैं?
स्टॉक और शेयर अक्सर किसी कंपनी में वित्तीय इक्विटी का वर्णन करने के लिए एक-दूसरे के स्थान पर इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन इनमें बारीक अंतर हैं; स्टॉक आमतौर पर एक या अधिक कंपनियों में स्वामित्व की व्यापक अवधारणा को संदर्भित करता है, जबकि "शेयर" किसी विशेष कंपनी में स्टॉक की एक इकाई को दर्शाता है। स्टॉक और शेयर, दोनों स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड किए जाते हैं, जो निवेशकों के लिए इन प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के लिए बाज़ार के प्लेटफ़ॉर्म हैं। जब आप शेयर खरीदने का फै़सला करते हैं, तो आप विशिष्ट कंपनी में स्वामित्व का एक हिस्सा खरीद रहे होते हैं, जो आपको इसकी आय और संपत्तियों के एक भाग का हकदार बना सकता है।
स्टॉक्स की कीमत को क्या प्रभावित करता है?
स्टॉक्स की कीमत अलग-अलग कारकों से प्रभावित होती है, जो मुख्य रूप से स्टॉक एक्सचेंज पर स्टॉक की आपूर्ति और माँग के संतुलन से निर्धारित होती है। जब ज़्यादा निवेशक किसी स्टॉक को बेचने के बजाय खरीदना चाहते हैं, तो कीमत बढ़ने लगती है, क्योंकि वे स्वामित्व सुरक्षित रखने के लिए ज़्यादा भुगतान करने को तैयार होते हैं। इसके विपरीत, अगर ज़्यादा निवेशक किसी स्टॉक को खरीदने के बजाय उसे बेचने की कोशिश कर रहे हैं, तो कीमत आमतौर पर गिर जाती है। किसी खास स्टॉक के लिए उपलब्ध शेयर्स की संख्या इस संतुलन को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि शेयर्स की ज़्यादा आपूर्ति मूल्य वृद्धि को कम कर सकती है या गिरावट को बढ़ा सकती है। इसके अलावा, आर्थिक इंडिकेटर, कंपनी का प्रदर्शन, न्यूज़ ईवेंट, बाज़ार की भावना और भू-राजनीतिक परिस्थितियों जैसे बाहरी कारक निवेशक के व्यवहार और परिणामस्वरूप, स्टॉक की कीमत को काफ़ी हद तक प्रभावित कर सकते हैं।
शुरुआत करने वालों के लिए अच्छी स्टॉक ट्रेडिंग रणनीति कौन सी है?
शुरुआतकर्ताओं के लिए मूविंग एवरेज का इस्तेमाल करना एक अच्छी रणनीति है, जैसे 20 और 50-दिन वाले SMA, ताकि स्पष्ट ट्रेंड्स की पहचान की जा सके और सीधे ट्रेड सिग्नल्स जनरेट किए जा सकें। नए ट्रेडर्स स्विंग ट्रेडिंग से शुरुआत कर सकते हैं, जिससे मध्यम गति मिलती है और वे सूचित निर्णय लेने के लिए स्टॉक मार्केट लाइव चार्ट्स और स्टॉक मार्केट इंडिकेटर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। जोखिम को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए हमेशा स्टॉप लॉस ऑर्डर्स का इस्तेमाल करना महत्वपूर्ण है। शुरुआतकर्ताओं के लिए, अलग-अलग स्टॉक्स चुनने के बजाय एक विविधतापूर्ण पोर्टफ़ोलियो बनाने पर ध्यान केंद्रित करना, बाज़ार में गिरावट के लिए तैयार रहना और वास्तविक धन के साथ ट्रेडिंग करने से पहले वर्चुअल फ़ंड्स के साथ ट्रेडिंग का अभ्यास करने के लिए एक डेमो ट्रेडिंग खाते का इस्तेमाल करना भी आमतौर पर बुद्धिमानीपूर्ण माना जाता है। अपनी दीर्घकालिक रणनीति पर टिके रहना न भूलें, जब आप तैयार हों, तब शुरू करें और शेयर बाज़ार में एक ठोस आधार बनाने के लिए बहुत ही अल्पकालिक ट्रेडिंग अपनाने पर विचार करें।
CFD के साथ स्टॉक ट्रेडिंग कैसे शुरू करें
CFD के साथ स्टॉक्स की ट्रेडिंग सीखने में एक अच्छी ट्रेडिंग टूलकिट और रणनीति बनाना और ऐसे सही ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म्स और ऐप्स चुनना शामिल है, जो आपके ट्रेडिंग लक्ष्यों और आवश्यकताओं के अनुरूप हों।
जो लोग CFD के साथ ट्रेडिंग शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए Exness आकर्षक समाधान ऑफ़र करता है। स्टॉक्स की ट्रेडिंग पर बिना किसी कमीशन के और Alphabet, Boeing, McDonald's और Nike जैसी प्रसिद्ध कंपनियों के साथ अपने निवेश पोर्टफ़ोलियो में विविधता लाने में भी मदद करने के साथ, Exness ट्रेडिंग जगत में अलग स्थान रखने वाली कंपनी है।
कम और स्थिर स्प्रेड, तेज़ ऑर्डर निष्पादन और असाधारण सुरक्षा सुविधाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ, Exness उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है, जो स्टॉक्स ट्रेड करने का तरीका सीखना चाहते हैं और वैश्विक इक्विटी बाज़ार में भाग लेने के लिए एक विश्वसनीय भागीदार की तलाश कर रहे हैं। हमारे जोखिम-रहित डेमो ट्रेडिंग खाते
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यह निवेश की सलाह नहीं है। पिछला प्रदर्शन, भविष्य के परिणामों का संकेत नहीं देता। आपकी पूँजी पर जोखिम है, कृपया ज़िम्मेदारी से ट्रेड करें।